Uttarakhand Static GK 2025 : उत्तराखंड सामान्य ज्ञान सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए | PDF
उत्तराखंड, जिसे 'देवभूमि' के नाम से भी जाना जाता है, भारत का 27वां राज्य है। यह हिमालय की गोद में बसा एक अत्यंत सुंदर और पवित्र भूमि है, जहां प्रकृति, संस्कृति और आध्यात्मिकता का अनुपम संगम देखने को मिलता है। 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर बने इस राज्य का नाम पहले उत्तरांचल था, लेकिन जनवरी 2007 में इसे आधिकारिक रूप से उत्तराखंड नाम दिया गया।
राज्य का क्षेत्रफल 53,483 वर्ग किलोमीटर है, जो भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग 1.6 प्रतिशत है। 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की जनसंख्या लगभग 1.01 करोड़ है, जिसमें साक्षरता दर 78.82 प्रतिशत है। राज्य की राजधानी देहरादून है, जो ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में कार्य करती है, जबकि गैरसैं (पिथौरागढ़) शीतकालीन राजधानी है।
इतिहास
उत्तराखंड का इतिहास प्राचीन काल से ही समृद्ध है। पौराणिक ग्रंथों जैसे स्कंद पुराण और महाभारत में इसे 'मानसखंड' या 'कुर्मांचल' के रूप में वर्णित किया गया है। यहां ऋषि-मुनियों ने तपस्या की, और कुबेर की राजधानी अलकापुरी (बद्रीनाथ के ऊपर) मानी जाती थी।
प्राचीन काल में यह क्षेत्र गंधर्व, यक्ष और किन्नर जातियों का निवास था। ऐतिहासिक रूप से, कुमाऊं क्षेत्र पर चंद वंश (7वीं से 18वीं शताब्दी) का शासन रहा, जबकि गढ़वाल में पंवार वंश ने 15वीं शताब्दी में श्रीनगर को राजधानी बनाकर राज्य की स्थापना की।
18वीं शताब्दी में गोरखा आक्रमणकारियों ने क्षेत्र पर कब्जा किया, लेकिन 1815 के सुगौली संधि के बाद ब्रिटिशों ने इसे अपने अधीन कर लिया। टिहरी गढ़वाल को महाराजा सुदर्शन शाह को सौंपा गया, जो 1949 तक स्वतंत्र रहा। स्वतंत्र भारत में 1949 में टिहरी का उत्तर प्रदेश में विलय हुआ, और 1960 में सीमांत जिलों का गठन किया गया।
20वीं शताब्दी में उत्तराखंड राज्य आंदोलन ने जोर पकड़ा, जिसमें गोविंद बल्लभ पंत, हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे नेताओं ने योगदान दिया। चिपको आंदोलन (1973) ने पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक बनाया, जिसमें गौरा देवी जैसी महिलाओं ने वनों की रक्षा की।
1994 के मुक्तेश्वर घोषणापत्र ने राज्य गठन की मांग को मजबूत किया। अंततः 2000 में राज्य का गठन हुआ। आजादी के आंदोलन में उत्तराखंड के वीरों जैसे कालू सिंह महरा और बडोनी का योगदान उल्लेखनीय है। राज्य का स्थापना दिवस 9 नवंबर को धूमधाम से मनाया जाता है।
भूगोल
उत्तराखंड हिमालय की तलहटी में स्थित है, जो उत्तर में तिब्बत (चीन), पूर्व में नेपाल, पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश से घिरा है। यह 28°43' से 31°28' उत्तरी अक्षांश और 77°34' से 81°03' पूर्वी देशांतर के बीच फैला है। राज्य को दो प्रमुख भागों में विभाजित किया जाता है: गढ़वाल (पश्चिमी) और कुमाऊं (पूर्वी)। गढ़वाल में उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, देहरादून और हरिद्वार जिले हैं, जबकि कुमाऊं में नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत और ऊधम सिंह नगर। कुल 13 जिले, 95 विकासखंड और 95 तहसीलें हैं।
राज्य का अधिकांश भाग (86%) पहाड़ी है, जहां ऊंचाई 300 से 7,816 मीटर (नंदा देवी चोटी) तक है। प्रमुख नदियां गंगा (गंगोत्री से), यमुना (यमुनोत्री से), अलकनंदा, भागीरथी आदि हैं। यहां 12 प्रमुख हिमनद जैसे गंगोत्री (30 किमी लंबा), यमुनोत्री हैं। जलवायु विविध है: तराई में उपोष्णकटिबंधीय, पहाड़ों में समशीतोष्ण और ऊपरी क्षेत्रों में अल्पाइन।
राज्य में 34,651 वर्ग किमी वन क्षेत्र है, जहां देवदार, चीड़, ओक के जंगल हैं। जैव विविधता समृद्ध है, जिसमें 102 जलाशय, 40 प्रजाति के स्तनधारी, 500 से अधिक पक्षी हैं। प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान: जिम कॉर्बेट (हरिद्वार), राजाजी (देहरादून), नंदा देवी (चमोली)। प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप और भूस्खलन से राज्य प्रभावित होता है, लेकिन जलविद्युत क्षमता (15,000 मेगावाट) इसे ऊर्जा केंद्र बनाती है।
प्रशासन और राजनीति
उत्तराखंड एक एकसदनीय विधायिका वाला राज्य है, जिसमें 70 विधानसभा सीटें हैं। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.) हैं, जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हैं। उच्च न्यायालय नैनीताल में है, जो भारत के 25 उच्च न्यायालयों में से एक है।
राज्य में 5 लोकसभा और 1 राज्यसभा सीटें हैं। पंचायती राज व्यवस्था मजबूत है, जिसमें 95 विकासखंड हैं। आर्थिक रूप से, राज्य जीएसडीपी (2023-24) लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये की है, जिसमें पर्यटन, कृषि और उद्योग योगदान देते हैं। प्रमुख योजनाएं: होमस्टे योजना, ईको-टूरिज्म।
अर्थव्यवस्था
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि, पर्यटन और जलविद्युत पर आधारित है। राज्य का प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से ऊपर (लगभग 2.5 लाख रुपये) है। कृषि में धान, गेहूं, मंडुआ, ज्वार प्रमुख हैं, जबकि फल जैसे सेब, आड़ू, किवी (कुमाऊं में) उगाए जाते हैं। चाय बागान (नैनीताल) प्रसिद्ध हैं।
उद्योग क्षेत्र में फार्मास्यूटिकल्स (देहरादून), सिमेंट (हरिद्वार) और आईटी हब विकसित हो रहे हैं। पर्यटन से 20% जीडीपी आती है। जलविद्युत परियोजनाएं जैसे टिहरी बांध (दुनिया का सबसे ऊंचा), विष्णुगढ़ पिपलकोटी। राज्य ने 2025 तक 100% जैविक खेती का लक्ष्य रखा है।
संस्कृति और परंपराएं
उत्तराखंड की संस्कृति विविधतापूर्ण है, जो गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी भाषाओं से समृद्ध है। राज्य भाषा हिंदी और संस्कृत हैं। लोक नृत्य जैसे झोड़ा, छोलिया (तलवारों वाला), रासो (महिलाओं का) प्रसिद्ध हैं। संगीत में हुड़का, ढोल, मंडल वाद्ययंत्र प्रमुख हैं। त्योहार: हरेला (फसल बोने का), कुम्भ (हरिद्वार), नंदा देवी राजजात (यूनेस्को धरोहर)। मेले: कांवड़ मेला, जागेश्वर मेला। व्यंजन: कुमाऊंनी मंडुए की रोटी, भट्ट की चुरकानी, आलू के गुटके। राज्य प्रतीक: फूल-ब्रह्मकमल, पक्षी-मोनाल, वृक्ष-बुरांश, फल-काफल, पशु-कस्तूरी मृग, तितली-कॉमन पीकॉक। राजकीय गीत 'उत्तराखंड देवभूमि मातृभूमि' है।
पर्यटन और धार्मिक स्थल
उत्तराखंड पर्यटन का स्वर्ग है, जहां चार धाम (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) हिंदुओं के लिए पवित्र हैं। अन्य स्थल: हरिद्वार (गंगा आरती), ऋषिकेश (योग नगरी), नैनीताल (झील), मसूरी (हिल स्टेशन), औली (स्कीइंग), जिम कॉर्बेट (सफारी)। फूलों की घाटी, वाल्टर (चमोली) यूनेस्को साइट हैं। 2025 तक पर्यटकों की संख्या 1 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है। एडवेंचर टूरिज्म जैसे ट्रेकिंग, राफ्टिंग लोकप्रिय हैं।
प्रमुख तथ्य
- प्रमुख विश्वविद्यालय: कुमाऊं विश्वविद्यालय, गुरुकुल कांगड़ी।
- खेल: बदमिंटन क्वीन- सायना नेहवाल (ट्रेनी यहां)।
- पर्यावरण: चिपको आंदोलन की जन्मभूमि।
- वर्तमान चुनौतियां: जलवायु परिवर्तन, प्रवासन।
- पहली महिला आईएएस: रीता करवाल।
- सबसे ऊंची चोटी: नंदा देवी (7,816 मी)।
- सबसे बड़ा जिला: उत्तरकाशी (8,016 वर्ग किमी)।
- सबसे छोटा जिला: हरिद्वार।
UK GK PDF in Hindi: PDF
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