Sofia Quraishi: जानिए पाकिस्तान से बदला लेने बाली सोफिया कुरैशी के बारे में
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की एक प्रख्यात और प्रेरणादायक महिला अधिकारी हैं, जिन्होंने अपनी वीरता, नेतृत्व और देशभक्ति से न केवल भारतीय सेना में बल्कि पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उनका जीवन नारी शक्ति और समर्पण का प्रतीक है, जो युवाओं, विशेषकर महिलाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।
सोफिया कुरैशी ने अपने करियर में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं, जिनमें से एक है 2016 में मल्टीनेशनल सैन्य अभ्यास 'एक्सरसाइज फोर्स 18' में भारतीय सेना के दल का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनना।
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Sofia Quraishi: जानिए पाकिस्तान से बदला लेने बाली सोफिया कुरैशी के बारे में |
जन्म और परिवार (Birth and family)
सोफिया कुरैशी का जन्म 1981 में गुजरात के वडोदरा में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि में सैन्य सेवा की गहरी जड़ें रही हैं। उनके दादाजी भारतीय सेना में धार्मिक शिक्षक के रूप में कार्यरत थे, जबकि उनके पिता ताज मोहम्मद भी सेना से सेवानिवृत्त हुए। इसके अलावा, उनके चाचा इस्माइल कुरैशी और वली मुहम्मद बीएसएफ में सुबेदार के पद पर थे।
देश सेवा का जज्बा (Passion for serving the country)
इस सैन्य परंपरा ने सोफिया के मन में बचपन से ही देश सेवा का जज्बा पैदा किया। उनकी मां हलीमा कुरैशी ने भी हमेशा उनके सपनों को प्रोत्साहित किया। सोफिया की एक जुड़वां बहन शायना सुनसारा हैं, जो मुंबई में फिल्म प्रोडक्शन हाउस चलाती हैं।
शिक्षा (Education)
शिक्षा के क्षेत्र में सोफिया ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने वडोदरा के केंद्रीय विद्यालय, ईएमई से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की और बाद में महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी (एमएसयू), वडोदरा से रसायन विज्ञान में स्नातक (बी.एससी.) और बायोकेमिस्ट्री में स्नातकोत्तर (एम.एससी.) की डिग्री हासिल की।
पढ़ाई के दौरान भी उनकी रुचि देश सेवा की ओर थी, और उन्होंने पीएचडी छोड़कर भारतीय सेना में शामिल होने का फैसला किया। 1999 में मात्र 17 वर्ष की आयु में उन्होंने भारतीय सेना के कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स में अपनी सेवा शुरू की।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां (Important achievements)
सोफिया कुरैशी ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। 2006 में, उन्होंने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में सेवा दी, जहां उन्होंने युद्धविराम की निगरानी और मानवीय सहायता जैसे कार्यों में योगदान दिया।
"2016 में, उन्होंने पुणे में आयोजित 'एक्सरसाइज फोर्स 18' में 18 देशों के बीच एकमात्र महिला कमांडर के रूप में भारतीय सेना के 40 सदस्यीय दल का नेतृत्व किया। इस अभ्यास का उद्देश्य शांति मिशन और मानवीय सहायता पर केंद्रित था। उनकी इस उपलब्धि की प्रशंसा तत्कालीन दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत ने भी की थी।"
ऑपरेशन सिंदूर में सोफिया कुरैशी (Sofia Qureshi in Operation Sindoor)
2025 में, सोफिया कुरैशी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले की जानकारी वैश्विक मीडिया को दी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ मिलकर भारत की सैन्य शक्ति और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित किया। यह ऑपरेशन पहलगाम आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
सोफिया कुरैशी की शादी (Sofia Qureshi wedding)
सोफिया कुरैशी की शादी कर्नल ताजुद्दीन बागेवाड़ी से हुई है, जो भारतीय सेना के मशीनीकृत इन्फैंट्री में अधिकारी हैं। उनके ससुर घौसे साब बागेवाड़ी बेलगावी के कोंनूर गांव में रहते हैं। सोफिया ने हमेशा युवा महिलाओं को सेना में शामिल होने और देश के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया है। उनकी कहानी साहस, समर्पण और लैंगिक समानता की मिसाल है।
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